Friday, March 2, 2012

ख्वाब अब कोई नहीं शेष बचा इन आँखों में

"कल वो खुद ही गिरा था
आज गिरा है आंसू बन कर
ख्वाब अब कोई नहीं शेष बचा इन आँखों में."
  ----राजीव चतुर्वेदी