Thursday, March 29, 2012

उठो तुम खौलते पानी से जैसे भाप उठती है

"ओस और आंसू का अस्तित्व गिरने में ही है,
उठो तुम खौलते पानी से जैसे भाप उठती है.
बता दो आसमां को अश्क का उपहास मत कर ,
नज़र नीचे करो और देख लो
दहकता है जो दिल में वो जज्वा है,
ज्वालमुखी से जैसे आग उठती है.
"---- राजीव चतुर्वेदी

No comments: