Sunday, November 4, 2012

जब मौत मेरी हमसफ़र हो तो डरूं किससे यहाँ ?

"जिन्दगी के कई सफ़र में मौत मेरी घात में थी,
जब मौत मेरी हमसफ़र हो तो डरूं किससे यहाँ ?"
                 --- राजीव चतुर्वेदी

No comments: