Tuesday, December 4, 2012

पैसे के आते ही भाषाएँ बदल जाती हैं रातों-रात

"मेरी चीख
तुम नहीं सुनोगे
अब तुम तक नहीं पहुंचेगी मेरी कोई आवाज़
पैसे के आते ही भाषाएँ बदल जाती हैं रातों-रात
मैं वही हूँ
बदला नहीं हूँ
तुम्हारी गुड मोर्निंग के जवाब में कहूंगा शुभ प्रभात .
"---- राजीव चतुर्वेदी

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